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Wednesday, May 7, 2014

निर्मल बाबा को सांई बाबा के रूप में देखा जबसे मैंने अपने जीवन को अत्यंत उच्च शिखर पर पाया ।

सांई मुझे हमेशा खुश रखना, आपकी कृपा मेरे परिवार पर सदैव बनी रहे । जबसे मैं निर्मलदरबार से जुड़ा हूं। मुझे मेरे अंदर बहुत से परिवर्तन नजर आने लगे तथा मैं सांई का दिवाना हूं। मेरे पिताजी श्री गुरूदेवदत्त के निःसीम भक्त थे। मैने तो जैसे हमारे परिवार में बताया गया वैसे ही पूजा करते गया । मैने जबसे निर्मल बाबा को सांई बाबा के रूप में देखा जबसे मैंने अपने जीवन को अत्यंत उच्च शिखर पर पाया । मेरा पुत्र हर्ष जिसके नाम से मेरी कम्प्यूटर की दुकान है ‘‘हर्ष कम्प्यूटर’’ जिसमें एम.पी.आॅनलाईन, कम्प्यूटर जाॅबवर्क, कलर फोटोकापी, लेमिनेशन, इंटरनेट संबंधी तथा कम्प्यूटर रिपेयरींग आदि किये जाते है। मेरे सांई दत्त के अवतार है इसलिए हो सकता है कि सांई ने मुझे इतना आशीर्वाद दिया कि मैं उनकी भक्ति कर सकता हूं। और मेरे पुत्र हर्ष के जन्म के बाद से मैं सांई का भक्त हो गया। मैं इतना बड़ा व्यक्ति नहीं कि सांई के बारे में कुछ लिख सकूं । किन्तु मैं यह मानता हूं कि सांई के बगैर किसी का कुछ नहीं हो सकता । सांई कहते है कि जो भी मुझे एक बार याद करता है उसके सारे काज, दुखःसुख मेरे हो जाते है और मैं उसकी हर परेशानी को दूर करने हेतु हमेशा तत्पर रहता हूं।
मैं पहले तंत्रमंत्र, अंगूठी आदि सभी निरर्थक चीजों में बहुत विश्वास करता था। किन्तु जबसे मैं मेरी सासुमां के कहने से निर्मल सांई से जुड़ा मेरी हर परेशानी दूर होती गई। मेरी पत्नी भी उनकी निःसीम भक्त है तथा हमारा सांई और निर्मल बाबा के आशीर्वाद से मकान बन गया । बस यही एक इच्छा है कि वह हमेंशा खुश रखे और हमारे सम्पूर्ण परिवार पर कृपा बनाये रखे।
निर्मल बाबा कहते है सांई की उदी (विभूति) का एक कण हमेशा हते में एक बार आपने ग्रहण करना चाहिए तो आपके परिवार पर सांई की कृपा निरंतर बनी रहेगी। तथा प्रति गुरूवार सांई के दर्शन करने से भी सांई की कृपा बनी रहती है। सांई दत्त के अवतार होने से सभी देवों के देव केवल सांई है। सांई किसी के अवतार नहीं है सांई के सभी अवतार है ऐसा किसी सांईभक्त ने अपने किताब में लिखा है।
सांई की महिमा को मानते हुए मैं निर्मलबाबा से जुडा और निर्मल बाबा भी कहते है आप जिसको भी मानते हो उनको आप दिल से मानो और उनकी ही पूजा करो, निरर्थक चीजों के पीछे या ढोंगी, साधू या जो दिखावा करते है उनके चक्कर में नहीं फंसें। क्योंकि भगवान से बड़ी शक्ति कोई हो ही नहीं सकती। यदि आपको शिव की भक्ति पानी है तो शिवसांई का स्मरण करो, यदि आपको राम का आशीष पाना है तो सांईराम का स्मरण करो, यदि आपक कृष्ण की कृपा को पाना है तो आप सांईकृष्ण का स्मरण करो क्योंकि सांई कहते है मैं ही आदि मैं ही अंत तथा मैं आपकी मां, बाप, बहन, भाई, पुत्र, पुत्री, सगा, संबंधी, आपको पूर्वज और आपका हितैषी हूं । केवल मेरे नाम से ही तुम तर जाओगे। जैसे किसी जख्म को डाॅक्टर मरहम से 10 दिन में ठीक करता है वैसे ही बुरे विचार, और बुरे समय को सांई के नाम निरंतर जपने से वह सभी विकार ठीक हो जाते है क्योंकि सांई केवल सांई है । सांई को आपने यदि पाना है तो केवल आंखे बंद करके जो भी सांई की छबि आपके मन में हो उसे याद करो ऐसा लगेगा कि सांई, राम, कृष्ण, शिव, गणेश पूरा परिवार आपके आंखो के सामने नृत्यमय हो जायेगा और जो अःसीम आनंद आपको प्राप्त होगा वह आप कभी भूल नहीं पाओगे।
कहते है जब भी किसी के मिलने से आपका मन और आपका आचरण परिवर्तन हो जाये और आप सभी चीजों से दूर हो जाये और अनंत आनंद की सहज विभूति प्राप्त हो जाये तो उसी को आप अपना गुरू मान लिजिए वैसे ही जबसे मैं निर्मल सांई के शरण में आया हूं । मैं उनका कोई भी प्रोग्राम प्रतिदिन एक बार तो अवश्य सुनता हूं । मेरा मानना है कि जिसे भी आप गुरू मानों उसकी आवाज में इतनी पाॅवर होती है कि आपकी सभी समस्याएं, आपके परिवार में किसी भी प्रकार की निगेटीव एनर्जी को वह दूर भगा सकते है आपके परिवार की सभी कठिनाईयां दूर कर सकते है। इसलिए अवश्य ही सांई भजन, निर्मलदरबार की कैसेट सुनना चाहिए तथा उनके दर्शन अवश्य करने चाहिए। प्रति गुरूवार आप सांई के दर्शन करोगे तो अवश्य पाओगे कि सांई आपके है और आप सांई के । जय निर्मल सांईनाथ ।