Monday, January 24, 2011
कल का विचित्रदिवस २४ जनवरी 2011
मुझे पता नहीं कल क्या हो गया था, कल मैने एक लाल धागा शर्माजी से बनवाकर कम में बांधा आैर एक मुस्लिम नक्श लगाया उसकी वजह से रात को इतना गुस्सा आ गया कि मैने खाना भी फेंक दिया। इसलिए सांई मुझे माफ करें मैं सांई से प्रार्थना करता हूं कि मेरा गुस्सा कम करें आैर मुझमें बसी सभी बुराईयों को दूर करें मैं सांई को दिल, जान, तन, मन, धन से मानता पूजता हूं । मे मानना है कि मेरे स्व। पूज्य दत्तवंशी श्री श्री श्री रतिलालजी चित्ते इनका मुझ पर बहुत आशीष हैं मैं नहीं मानता कि वह मेरे साथ नहीं है। मेरी सांई आैर भैरवजी से प्रार्थना है कि आज मंगलवार २५ जनवरी २०११ मैं मेष राशि का जातक हूं मेंरा स्वास्थ्य मेरी परिवार की रक्षा हनुमानजी करें यही विनय । मंगल ग्रह सुनार है आैर सांई के आशीर्वाद से मैं भी सुनार हूं। सांई मेरे परिवार की रक्षा करें।
Monday, January 3, 2011
शिर्डी सांइ दर्शन २९ दिसं. २०१०
मै पंकज सोनू मोनू जयेश व हर्ष हम सबने मिलकर इंडिका की गुरूवार को हम शिर्डी व शिंगणापूर के दर्शन किये । मेरा शिर्डी दर्शन इस बार अच्छा नहीं रहा चलो जैसी बाबा की मर्जी उनकी इच्छा बगैर उनके दर्शन संभव नहीं फिर भी एक बात अच्छी रही कि उदी हमें समय पर मिल गई । उदी का महिमा अत्यंत महान है। हम यहां से सुबह ४ से ५ के बीच में बिजासन शिरपूर नरडाणा मनमाड मालेगाव कोपरगांव होते हुए शिर्डी पहुंचे । वहां हमें देर होने का कारण बिजासन में जा लगा हुआ था इस कारण एवं शिर्डी में गुरूवार होने के कारण बहुत भीड उमड पडी थी फिर भी हम वहां जलद से जल्द दर्शन कर शनिदेवता की दर्शन करने जा पहुंचे । वहां पर हमने स्नान किया वहां मैने पंकज ने फोटो ली एवं उन क्षणो को कैमरे में कैद कर लिया। वहां से हम त्रंबकेश्वर के लिए रवाना हुए वहां हमें काफी रात होने के कारण भक्त निवास में कमरा नहीं मिला इसलिए प्राईवेट लाज शिवगंगा में ४०० रू रात के लिए कमरा बुक कराया। एवं सुबह त्रंबकेश्वर शिव के दर्शन किये वहां हमें सभी को वहां के पूज्यनीय पंडित जी ने रूद्रा़क्ष भेंट किये। जिसमें मुझे ४ मुखी, सोनू को पंचमुखी पंकज मोनू को ५ मुखी रूद्राक्ष मिले। वहां से पंकज ने ब्लेंकेट तोरण आदि सामान की खरीदी कर ली। वहां से हम सप्तश्रृंगी माता के दर्शन हेतु वणी गड के लिए निकले दोप १२ बजे पहुंचेमाता के अतिउत्तम दर्शनकर उनका परम आशीष ग्रहण कर सापूतारा के लिए रवाना हुए। सापूतारा जाने की इच्छा मेरी शादीके समय से थी किन्तु शादी के ५ वर्ष बाद जाने को मिला। वहां जाने के बाद बहुत मजा किया उंट पर बैठे पंकज घोडे पर बैठा वहां फोटो लिये स्टेप गार्डन देखा साथ में श्याम भैया जिनकी गाडी ले गये थे उनकी फोटो खींची । वहां से घर के लिए निकले.
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