Tuesday, March 22, 2011
holi ki vajah se harsh ko taklif hath jala
वह मनहूस दिन मुझे आज याद आ रहा है कि मैं क्यो गया हुआं यूं कि 19/03/2011 शनिवार को काला बेल्ट खरीदा और रविवार सुबह मै हर्ष को जबरदस्ती करके सायकल पर बिठाकर मोतीझिरा बाबा साईबाबा मंदिर के सामनेवाली होली दिखाकर वापस लाया। फिर उसने कहा कि मुझे भैरव मंदिर और गणेश मंदिर के सामने वाली होली दिखाकर लाओ। मै गया और होली के पास सायकल खडी की और राख उठाकर हाथ में ली और कागज लेने गया कि अचानक हर्ष सायकल पर था सायकल होली की ओर दक्षिण दिशा में गिर पड़ी और मेरा हर्ष तड़प उठा उसका सीधा हाथ की कोहनी पुरी तरह झुलस चूकी थी। और वो इतनी जोर से रो रहा था कि मैं समझ भी नहीं पाया कि मैने सायकल क्यों कर वहां खड़ी की । मै शनि महाराज से प्रार्थना करता हूं कि आज के बाद शनिवार को कोई भी लोहे की या काली चीज नहीं खरीदूंगा। पर मेरे हर्ष को ठीक कर दो मैने आपको यथाशक्ति कुछ न कुछ तो शनिवार के दिन दान अवश्य करूंगा मेरे पुत्र हर्ष पर आपकी कृपा दृष्टि हमेशा बनाये रखना मेरा पुत्र आपका ही दिया हुआ है उसका जन्म पुष्य नक्षत्र शनिवार 11 नवम्बर 2006 को सप्तमी के दिन हुआ है। मेरी उससे बहुत सी आशाएं जुडी हुई है। कृपया शनि भगवान आपसे विनम्र विनती है कि आप मेरे पुत्र हर्ष पर और मेरे परिवार पर हमेशा कृपादृष्टि बनाये रखना और कोई त्रुटि या गलती हो जाए तो हमें माफ कर दीजिए। यही आपसे पूरे परिवार की तरफ से विनम्र निवेदन और प्रार्थना है। कृपया स्वीकार कीजिए।
और भैरवजी मेरी एक गलती हो गई मैने आपके दर्शन किये बिना होली को हाथ लगाया तो उसकी इतनी बडी सजा दी । अब आप ही कृपा बरसाओं और मेरे पुत्र हर्ष का हाथ जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी अच्छा कर दो आपका चोला भी स्वीकार करने की कृपा करें।
पिछले 3-4 माह से मेरे हर्ष पर विपत्तियों के पहाड़ टूट रहे है। श्री गुरूदेव दत्त भगवान मैने आपका चरित्र का पठन चालू किया यदि कोई गलती हो जाए तो अज्ञान और मूढ बालक समझकर माफ कर देना और ऐसा आशीष दो कि मेरा परिवार सुदृढ, समृद्धीशाली व वैभवशाली तथा समझदार व मेरा पुत्र अच्छे से पढे लिखे और मेरी सारी मनोकामनाएं जो अधूरी रह गई है नवोदय में पढने के बावजूद वह भी नवोदय में भर्ती होकर वहां पढकर सीधे विदेश पढने जाए और भारत का नाम रोशन करें तथा मेरे परिवार का नाम रोशन करे। मैने उसमें आपका दत्तांश मांगा था प्रभु आपने अवश्य दिया होगा ऐसा मानकर ही मैं पूरा जीवन आपके दत्त श्री गुरूचरित्र पढकर उसकी खुशहाली के लिए अपना जीवन कुर्बान कर दूंगा। श्री गुरूदेव दत्त महाराज मुझ पर अवश्य कृपा बरसायें और इतनी शक्ति प्रदान करें कि मैं उसे पढा सकूं और मेरे पिताश्री का वचन पूरा कर सकूं और उसे कम्प्यूटर साटवेयर इंजीनियर बनाने में कामयाब हो सकूं। कृपया श्री गुरूदेव दत्त भगवान, श्री गणेशजी महाराज, भैरव जी, श्री शनि महाराजजी तथा समस्त देवी देवताओं से मेरा विनय निवेदन है और आविर्भाव से मांग है कि आप उसे पूरी तरह सहयोग करे ताकि वह अपने जीवन में सबसे उंचाई पर पहुंचकर सरस्वती माता का आशीष प्राप्त कर अत्योच्च शिक्षण के शिखर पर पहंुंचकर कम्ॅप्यूटर साटवेयर इंजीनियरींग में भारत में सर्वप्रथम स्थान प्राप्त करें। यही गुरूचरणों में मेरी सादर प्रार्थना है। श्री गुरूदेव दत्त।
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